कबड्डी के टॉप तीन खिलाड़ी – मैदान के असली शेर

कबड्डी, भारत की मिट्टी से जुड़ा वो खेल है जो ताकत, फुर्ती, दिमाग और जुनून – सबका मेल है। ये सिर्फ खेल नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के लिए गर्व और दर्शकों के लिए रोमांच का दूसरा नाम है। जब-जब बात होती है दुनिया के बेहतरीन कबड्डी खिलाड़ियों की, तो कुछ नाम ऐसे हैं जो सबके दिलों पर राज करते हैं।कबड्डी के टॉप तीन खिलाड़ी इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कबड्डी के टॉप तीन खिलाड़ियों की, जो मैदान पर अपने खेल से इतिहास रच चुके हैं।

1. प्रदीप नरवाल – डबकी किंग

जब भी कबड्डी की बात होगी तो प्रदीप नरवाल का नाम सबसे पहले आएगा। उन्हें फैंस प्यार से “डबकी किंग” कहते हैं। उनकी खासियत यही है कि वो रेड के दौरान एक साथ 3-4 डिफेंडरों को चकमा देकर अंक हासिल कर लेते हैं।

शुरुआत और संघर्ष

प्रदीप नरवाल का जन्म उत्तर प्रदेश के सोनीपत जिले में हुआ। बचपन से ही उन्हें कबड्डी का शौक था। गाँव के अखाड़े में खेलते-खेलते उन्होंने वो हुनर सीख लिया जिसने उन्हें आज का स्टार बना दिया। शुरुआत में परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा मज़बूत नहीं थी, लेकिन प्रदीप ने हार नहीं मानी और अपने खेल के दम पर धीरे-धीरे आगे बढ़े।

प्रो कबड्डी में चमक

प्रो कबड्डी लीग (PKL) में प्रदीप नरवाल ने अपना डेब्यू पटना पाइरेट्स से किया। उनकी रेडिंग स्किल्स इतनी बेहतरीन थीं कि उन्होंने अकेले दम पर टीम को तीन बार लगातार चैंपियन बनाया। एक सीज़न में उन्होंने 369 पॉइंट्स बनाकर रिकॉर्ड बनाया, जिसे तोड़ पाना आज भी मुश्किल लगता है।

खेल की खासियत

डबकी उनकी सबसे बड़ी ताकत है।

हमेशा आत्मविश्वास से भरे रहते हैं।

टीम को मुसीबत से बाहर निकालने वाले खिलाड़ी हैं।

प्रदीप नरवाल को देखकर ये साफ हो जाता है कि जुनून और मेहनत से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।

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2. नवीन कुमार (नवीन एक्सप्रेस)

दूसरे खिलाड़ी हैं नवीन कुमार, जिन्हें फैंस “नवीन एक्सप्रेस” के नाम से जानते हैं। नवीन अभी युवा हैं, लेकिन उनके खेल ने उन्हें कबड्डी का सुपरस्टार बना दिया है। बचपन और करियर की शुरुआत नवीन कुमार का जन्म दिल्ली में हुआ और बहुत छोटी उम्र से ही उन्होंने कबड्डी खेलना शुरू कर दिया था। उनकी तेज़ी और फुर्ती ने कोच का ध्यान खींचा और जल्द ही वे दिल्ली की टीम से प्रो कबड्डी में खेलते दिखे।

रिकॉर्ड और उपलब्धियां

नवीन कुमार PKL के इतिहास में सबसे तेज़ 600 रेड पॉइंट्स पूरे करने वाले खिलाड़ी हैं।

लगातार सुपर-10 (एक मैच में 10 से ज्यादा पॉइंट्स) करने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है।

उनकी गिनती आज दुनिया के सबसे भरोसेमंद रेडर्स में होती है।

खेल की खासियत

उनकी गति (स्पीड) अविश्वसनीय है।

विरोधी डिफेंस को पढ़ने की उनकी क्षमता कमाल की है।

फिटनेस और सहनशक्ति उनकी सबसे बड़ी ताकत है।

नवीन कुमार ने बहुत कम समय में जो पहचान बनाई है, वो काबिल-ए-तारीफ़ है। आने वाले समय में वो कबड्डी की दुनिया के सबसे बड़े नामों में शामिल होंगे, इसमें कोई शक नहीं।

3. पवन सेहरावत – हाई फ्लायर

अब तीसरे खिलाड़ी की बात करते हैं, जो हैं पवन सेहरावत। इन्हें फैंस “हाई फ्लायर” कहते हैं क्योंकि इनके जंप और लंबी रेड्स देखने लायक होती हैं।

शुरुआती जीवन

पवन सेहरावत का जन्म दिल्ली में हुआ और बचपन से ही उन्हें खेलों में रुचि थी। कबड्डी उनके खून में बसी थी और उन्होंने शुरुआत से ही इसे प्रोफेशनल लेवल पर खेलने का सपना देखा।

प्रो कबड्डी में धमाल

पवन सेहरावत ने PKL में बैंगलोर बुल्स से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया। 2018 में उन्होंने टीम को पहली बार खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई। उस सीज़न में उन्होंने 282 पॉइंट्स हासिल किए और सबसे ज्यादा रेड पॉइंट्स लेने वाले खिलाड़ी बने।

खेल की खासियत

उनकी सबसे बड़ी ताकत है उनका एथलेटिक जंप।

वो एक ही रेड में कई डिफेंडरों को मात देने की क्षमता रखते हैं।

उनकी स्कोरिंग क्षमता उन्हें विरोधियों के लिए सबसे बड़ा खतरा बनाती है।

पवन की फिटनेस और फुर्ती उन्हें हर बार मैदान पर अलग पहचान दिलाती है।

इन तीनों में क्या है खास?

अगर आप गौर से देखें तो इन तीनों खिलाड़ियों में कुछ कॉमन बातें नज़र आएंगी:

तीनों ने अपनी मेहनत और संघर्ष से ये मुकाम हासिल किया है।

हर किसी के पास अपनी अलग पहचान बनाने वाली स्किल्स हैं।

ये सिर्फ अपनी टीम के लिए नहीं, बल्कि भारत के लिए भी गर्व का कारण हैं।

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कबड्डी का असली मतलब – जज़्बा और जुनून

कबड्डी खेलना सिर्फ पॉइंट्स जुटाना नहीं होता, बल्कि ये खेल इंसान को अनुशासन, संघर्ष और टीमवर्क सिखाता है। इन तीनों खिलाड़ियों ने अपनी काबिलियत से इस खेल को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया है। आज जब भी दुनिया कबड्डी की बात करती है, तो प्रदीप नरवाल, नवीन कुमार और पवन सेहरावत जैसे नाम अपने आप जुड़ जाते हैं।

निष्कर्ष कबड्डी के टॉप तीन खिलाड़ी – मैदान के असली शेर

कबड्डी के ये तीन खिलाड़ी प्रदीप नरवाल, नवीन कुमार और पवन सेहरावत सिर्फ खिलाड़ी नहीं, बल्कि मैदान के शेर हैं। इन्होंने अपने दम पर न सिर्फ मैच जिताए, बल्कि लाखों युवाओं को खेल की ओर प्रेरित भी किया है। आने वाले समय में शायद नए खिलाड़ी उभरकर सामने आएं, लेकिन इन तीनों का नाम कबड्डी के इतिहास में हमेशा स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।

तो दोस्तों, ये था एक नज़रिया कबड्डी के टॉप तीन खिलाड़ियों पर। अगर आप कबड्डी के फैन हैं तो आपको भी इन खिलाड़ियों की तरह जज़्बा और मेहनत से अपने सपनों की तरफ बढ़ना चाहिए।

धन्यवाद

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