जैसा की आप सभी जानते होंगे , कबड्डी ,भारत का देसी खेल, जो आज दुनिया भर में लोकप्रिय हो चुका है। यह खेल ताकत, फुर्ती, सांसों के नियंत्रण और टीमवर्क का अनोखा संगम है।कबड्डी का सफर | गांवों से स्टेडियम तक की रोमांचक और प्रेरणादायक कहानी कभी गांव की गलियों में खेला जाने वाला यह खेल अब अंतरराष्ट्रीय स्टेडियमों की रौनक बन चुका है। आइए जानते हैं कबड्डी का इतिहास, इसका विकास, और आज की लोकप्रियता।

1. कबड्डी का इतिहास , कहां से शुरू हुआ यह खेल
कबड्डी की शुरुआत लगभग 4000 साल पहले भारत में हुई।
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- इसका उद्गम तमिलनाडु से माना जाता है।
- पहले यह खेल ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मरक्षा और फिटनेस के लिए खेला जाता था।
- समय के साथ यह पूरे भारत और एशिया के कई देशों में फैल गया।
2. क्यों कहा जाता है कबड्डी को गांवों का खेल
गांवों में कबड्डी की खासियत यह थी कि इसके लिए किसी बड़े मैदान, महंगे उपकरण या खास ट्रेनिंग की जरूरत नहीं होती।
- मिट्टी का छोटा सा मैदान
- 7-7 खिलाड़ियों की दो टीमें
- और “कबड्डी-कबड्डी” की आवाज
बस खेल शुरू! - यह खेल बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए मनोरंजन और फिटनेस का साधन बना।
3. कबड्डी को पहली बार मिला राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान
- 1936 के बर्लिन ओलंपिक में कबड्डी को प्रदर्शनी खेल के रूप में पेश किया गया।
- 1950 में भारत में कबड्डी फेडरेशन की स्थापना हुई।
- इसके बाद राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के जरिए कबड्डी को पहचान मिलती गई।
4. कबड्डी वर्ल्ड कप , भारत का दबदबा
कबड्डी का पहला वर्ल्ड कप 2004 में हुआ और भारत ने शानदार जीत दर्ज की।
- भारत ने 2007, 2016 और कई अन्य विश्व कपों में भी खिताब जीता।
- भारतीय टीम की ताकत और रणनीति ने इस खेल में उसे विश्व चैंपियन बना दिया।
5. प्रो कबड्डी लीग PKL, खेल का चेहरा बदलने वाला मोड़
2014 में प्रो कबड्डी लीग शुरू हुई और इसने कबड्डी को नया जीवन दिया।
- टीवी पर मैच प्रसारण से खेल की लोकप्रियता बढ़ी।
- खिलाड़ियों को आर्थिक लाभ और स्टारडम मिला।
- आज PKL के हर सीजन का दर्शक बेसब्री से इंतजार करते हैं।
6. कबड्डी के नियम और खेल की खासियत
कबड्डी सिर्फ ताकत नहीं, बल्कि दिमाग और सांसों के नियंत्रण का खेल है।
- रेडर विरोधी टीम में घुसकर प्वाइंट लाने की कोशिश करता है।
- डिफेंडर उसे पकड़ने की पूरी कोशिश करते हैं।
- खेल का हर मूव रणनीति और फुर्ती का परिणाम होता है।
7. कबड्डी का अंतरराष्ट्रीय सफर
आज कबड्डी भारत से निकलकर कई देशों में लोकप्रिय हो चुका है।
- ईरान, दक्षिण कोरिया, जापान, कनाडा, केन्या जैसे देशों में कबड्डी खेला जाता है।
- एशियाई खेलों में भी भारत ने कई गोल्ड मेडल जीते हैं।
8. महिला कबड्डी , बेटियों की ताकत
कबड्डी अब महिलाओं की ताकत का भी प्रतीक बन चुका है।
- भारतीय महिला टीम ने कई एशियाई खेलों और वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीते।
- आज महिलाएं भी इस खेल में नाम कमा रही हैं।

9. कबड्डी के 5 रोचक तथ्य
- कबड्डी का अर्थ है “हवा रोककर खेलना”।
- यह खेल बिना किसी उपकरण के खेला जाता है।
- 1990 से कबड्डी एशियाई खेलों का हिस्सा है।
- भारत के पास सबसे ज्यादा कबड्डी वर्ल्ड कप जीतने का रिकॉर्ड है।
- इसे अलग-अलग राज्यों में अलग नामों से पुकारा जाता है – जैसे हु-तु-तु, सडुगुडु।
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10. गांव से स्टेडियम तक , आज का कबड्डी
आज कबड्डी लाखों युवाओं के लिए करियर का रास्ता बन चुका है।
- प्रोफेशनल ट्रेनिंग सेंटर और लीग्स के जरिए खिलाड़ियों को अवसर मिल रहे हैं।
- खेल का उद्देश्य अब सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का झंडा ऊंचा करना है।
conclusion: कबड्डी का सफर||गांवों से स्टेडियम तक की रोमांचक और प्रेरणादायक कहानी
कबड्डी ने साबित कर दिया कि मिट्टी से उठने वाला खेल भी दुनिया के बड़े स्टेज तक पहुंच सकता है। आने वाले समय में यह खेल ओलंपिक में शामिल हो सकता है।
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